हुसैनाबाद की सड़कों पर सियासत! पूर्व मंत्री कमलेश सिंह का विधायक संजय यादव पर बड़ा हमला – टेंडर रद्द कर जनता के साथ विश्वासघात husainabad breaking news today rbc channel
![]() |
पूर्व विधायक कमलेश कुमार सिंह |
📍 स्थान – हुसैनाबाद, पलामू
🗓 दिनांक – 27 जून 2025
✍️ RBC स्पेशल रिपोर्ट
❓क्या हुसैनाबाद की सड़कें सिर्फ चुनावी वादे बनकर रह जाएंगी?
हुसैनाबाद की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया, जब पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कमलेश कुमार सिंह ने एक तीखी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए वर्तमान विधायक संजय यादव पर
विकास रोकने और ओछी राजनीति करने का आरोप जड़ दिया।
उन्होंने साफ कहा – जो योजनाएं जनता के लिए थीं, वे अब नेताओं के ईगो और राजनीति की भेंट चढ़ रही हैं!
पूर्व विधायक का बड़ा आरोप – “टेंडर रद्द कर संवेदक मित्रों को फायदा पहुंचाने की चाल
कमलेश सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में दर्जनों सड़क योजनाएं स्वीकृत हुई थीं और उनके टेंडर भी विधानसभा चुनाव से पहले जारी किए गए थे, लेकिन नई सरकार और विधायक संजय यादव ने जानबूझकर उन टेंडरों को 9 महीने बाद रद्द करवा दिया।
उन्होंने कहा –
अगर वास्तव में विकास की चिंता होती, तो नई योजनाएं स्वीकृत होतीं। लेकिन यहां तो पहले से तैयार कामों में भी रुकावट डाली जा रही है। यह विकास नहीं, सियासी बदला है।
सवालों की बौछार:
❓क्या विधायक संजय यादव को पिछली सरकार की योजनाएं चुभ रही हैं?
❓क्या टेंडर रद्द कर केवल अपने खास संवेदकों को लाभ पहुंचाना चाह रहे हैं?
❓क्यों सिर्फ हुसैनाबाद में ही योजनाएं रोकी गईं?
❓क्या जनता के पैसों से खेला जा रहा है सत्ता का खेल?
विधायक में दम है तो नई योजनाएं लाएं– कमलेश सिंह की खुली चुनौती
कमलेश सिंह ने कहा कि संजय यादव को अगर अपनी क्षमता पर भरोसा है, तो वो खुद नई सड़क योजनाएं लाकर टेंडर करवाएं।
9 महीने तक चुप रहना और फिर अचानक टेंडर रद्द करवाना – क्या यही विकास की नीति है?
संवेदकों को न्याय मिलेगा?ई।
जनता की नजरें अब जवाब पर टिकी हैं
हुसैनाबाद की सड़कों पर ये सियासत जनता की उम्मीदों को रौंद रही है। अब लोग पूछ रहे हैं:
विकास की राजनीति कब शुरू होगी, और बदले की राजनीति कब खत्म?
निष्कर्ष:
हुसैनाबाद में टेंडर विवाद ने विकास और राजनीति की पुरानी जंग को फिर हवा दे दी है। पूर्व मंत्री का हमला तीखा है, और जनता की उम्मीदें अब जवाब मांग रही हैं। सवाल ये है –
क्या विधायक संजय यादव जवाब देंगे, या ये सन्नाटा जारी रहेगा?
कोई टिप्पणी नहीं