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जब हृदय हो निर्मल तभी गंगा देती है पापों से मुक्ति पूज्य पंडिता गौरांगी गौरी जी hussainabad barahi dham news today rbc

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Brahi dham 


बराही धाम की श्रीराम कथा में उमड़ा श्रद्धा और भक्ति का सागर | सदन कसाई की कथा से मिली सच्ची भक्ति की सीख


 हुसैनाबाद (पलामू):

बराही धाम की पुण्यभूमि पर चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्रद्धा, भक्ति और आत्मचिंतन की त्रिवेणी बह उठी। विश्व के सबसे ऊँचे दुर्गा मंदिर और नवग्रह मंदिर की प्रस्तावित भूमि पर यह आयोजन दिव्यता की मिसाल बनता जा रहा है। कथा मंच से पूज्य पंडिता गौरांगी गौरी जी ने जब श्रोताओं को संबोधित किया, तो वातावरण अध्यात्म के रंग में रंग गया।


उन्होंने अपने प्रवचन में कहा—


गंगा में डुबकी लगाने से तभी पाप मिटते हैं, जब हृदय भी पवित्र हो। केवल शरीर को धोने से आत्मा शुद्ध नहीं होती।


उन्होंने समझाया कि अनजाने में किए गए पाप तो गंगा स्नान से क्षमा हो सकते हैं, लेकिन जो पाप जान-बूझकर किए जाते हैं, उनका फल तो व्यक्ति को भोगना ही पड़ता है। धर्म का वास्तविक मार्ग आत्मचिंतन और हृदय की निर्मलता से होकर जाता है।

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गौरांगी जी 

सदन कसाई की कथा से छलका भक्ति का भाव

अपने प्रवचन में गौरांगी गौरी जी ने सदन कसाई की प्रेरणादायक कथा सुनाकर श्रोताओं को सच्ची भक्ति की परिभाषा से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि—


सदन के हाथ रक्तरंजित थे, वह पेशे से कसाई था। फिर भी उसकी भक्ति इतनी सच्ची थी कि स्वयं भगवान शालिग्राम उसके तराजू में आकर वास करने लगे।”


एक संत ने जब यह दृश्य देखा तो भगवान को गंगाजल से स्नान कराकर उन्हें अपने आश्रम ले आए। लेकिन उसी रात भगवान ने स्वप्न में आकर कहा—


तुमने मुझे मेरे भक्त से दूर किया, यह तुम्हारा अपराध है।


यह घटना सुनकर जनसमूह की आँखें नम हो गईं। कथा से यह स्पष्ट हुआ कि भक्ति जाति, पेशा या बाहरी रूप से नहीं, बल्कि अंतरात्मा की सच्चाई से उपजती है।


शिव-पार्वती विवाह की कथा और भक्ति-ज्ञान की अमृतवर्षा

गौरांगी गौरी जी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह प्रसंग को अत्यंत सुंदर और भावविभोर ढंग से प्रस्तुत किया। कथा के माध्यम से उन्होंने बताया कि संत, मंत्र और ईश्वर का अपमान कभी नहीं करना चाहिए। यह जीवन केवल सांसों की गिनती नहीं है, बल्कि यह आत्मा की यात्रा है— भक्ति, सेवा और वैराग्य की ओर।


भक्ति से सराबोर हुआ वातावरण— भजन पर झूम उठे श्रद्धालु

जैसे ही उन्होंने अपने सुमधुर स्वर में भजन प्रस्तुत किया—


क्या रखा है डॉलर-पाउंड में, धर्मशाला छोड़ जाना है अगले राउंड में...

पूरा बराही धाम भक्तिरस में डूब गया। हर कोई झूमने लगा, जैसे आत्मा प्रभु से मिलन की अनुभूति कर रही हो।


विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस भव्य आयोजन में विधायक संजय कुमार सिंह यादव, जीप उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, संयोजक रणधीर कुमार सिंह, क्षेत्रीय संत-महात्मा, धर्माचार्य एवं भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।


यह आयोजन न केवल धार्मिक चेतना का विस्तार है, बल्कि समाज को भक्ति, सेवा और आत्मचिंतन का संदेश भी दे रहा है।

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