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हुसैनाबाद हादसा मासूम की मौत के बाद उठे बड़े सवाल अस्पताल में लापरवाही CS की अनदेखी और विधायक की चुप्पी क्यों? Husainabad accident: Big questions raised after the death of an innocent? Negligence in hospital, CS's oversight and MLA's silence, why?

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अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज

RBC Channel विशेष रिपोर्ट

हुसैनाबाद में जपला-छतरपुर  मार्ग चौआ चट्टान मोड पर हुए दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौत और तीन की गंभीर स्थिति ने न सिर्फ सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है, बल्कि हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को भी उजागर कर दिया है।

ऑक्सीजन प्लांट होते हुए भी नहीं बची मासूम की जान — किसकी जिम्मेदारी?

घटना के बाद जब घायलों को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, तो सबसे दर्दनाक दृश्य तब देखने को मिला जब 8 वर्षीय चांदनी कुमारी को ऑक्सीजन देने की कोशिश की गई, लेकिन सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं थी। और यह तब हुआ जब अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट पहले से मौजूद है। सवाल यह है कि अगर प्लांट है, तो पाइपलाइन से मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन क्यों नहीं पहुंची?

एम्बुलेंस की चाबी खोजने में बीता घंटा, ऑक्सीजन नहीं, समय पर रेफर नहीं — किसे ठहराएं दोषी?

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एम्बुलेंस की चाबी तक एक घंटे तक नहीं मिली, और जो एंबुलेंस मिली, उसमें भी ऑक्सीजन नहीं था। नतीजा — मासूम बच्ची की मौत।

प्रशासन पर सवाल — पलामू CS डॉ. अनील सिंह क्या सिर्फ क्लिनिक तक सीमित हैं?

यहाँ बुद्धिजीवियों का सवाल और तीखा है।

"जब पलामू के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनील सिंह हर रविवार हुसैनाबाद के जेपी चौक स्थित अपने निजी क्लिनिक में आते हैं, तो क्या उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल की यह बदहाली नहीं दिखती?"

क्या निजी कमाई ज़्यादा ज़रूरी हो गई है, सरकारी जिम्मेदारी से?

स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष पद पर बैठे डॉक्टर अनील सिंह की यह अनदेखी समझ से परे है। कई बार अस्पताल में अव्यवस्था की शिकायतें आईं, फिर भी विभूति कुमार जैसे प्रबंधन पदाधिकारी को हटाया नहीं गया। आखिर क्यों?

क्या यह लापरवाही नहीं, बल्कि मूक सहमति का संकेत है?

राजनीतिक चुप्पी — विधायक संजय कुमार यादव ने क्यों नहीं उठाई आवाज?

हुसैनाबाद-हरिहरगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय कुमार यादव की चुप्पी भी जनता को चुभ रही है।

जब बच्ची की जान अस्पताल की लापरवाही से चली गई, तब भी विधायक का कोई बयान क्यों नहीं आया?

जनता जानना चाहती है कि जब वोट मांगने का समय होता है, तो नेता गली-गली दिखते हैं, पर जनता के जीवन से जुड़े मसलों पर उनकी आवाज क्यों गायब रहती है?

यह सिर्फ हादसा नहीं, एक सिस्टम की मौत है

एक ओर सड़क हादसा होता है, दूसरी ओर स्वास्थ्य सिस्टम की नाकामी एक मासूम की जान ले लेती है। यह कोई पहली बार नहीं है — हुसैनाबाद अस्पताल में पहले भी ऐसे हादसे, लापरवाही, डॉक्टरों की अनुपस्थिति, और संसाधनों की कमी की खबरें आती रही हैं।

 अब जनता पूछ रही है:

ऑक्सीजन प्लांट होते हुए भी बेड तक ऑक्सीजन क्यों नहीं?

विभूति कुमार को क्यों अब तक नहीं हटाया गया?

CS डॉ. अनील सिंह निजी क्लिनिक तो चलाते हैं, पर अस्पताल की सुध क्यों नहीं लेते?

विधायक संजय कुमार यादव ने अब तक एक शब्द भी क्यों नहीं कहा?

यह समय है जवाब देही तय करने का, सिर्फ संवेदना जताने का नहीं।

अगर सिस्टम की चुप्पी और नेताओं की निष्क्रियता ऐसे ही चलती रही, तो अगली चांदनी कोई और हो सकती है — और तब भी शायद ऑक्सीजन न मिले।

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अस्पताल कर्मी 

6 एम्बुलेंस में तीन एंबुलेंस खराब 

हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल के कमी के द्वारा बताया गया कि हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में 6 एंबुलेंस है जिसमें फिलहाल तीन एंबुलेंस खराब है किन्हीं कारणों से 

पूर्व विधायक कमलेश कुमार सिंह ने घटना से संबंधित डॉक्टर मुकेश कुमार से दूरभाष पर की बात

पूर्व विधायक कमलेश कुमार सिंह डॉक्टर मुकेश कुमार जो ड्यूटी में उस वक्त अनुमंडलीय अस्पताल के मरीजों की देखरेख कर रहे थे उनसे बात की और ऑक्सीजन न मिलने वाली बात पर उन्होंने पूछा कि आखिर इस तरह की लापरवाही कैसे देखने को मिल रही है जनता क्यों परेशान हो रही है तो जवाब में डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि एक ही सिलेंडर छोटा था जिसमें ऑक्सीजन होने की पुष्टि महसूस करते हुए मरीज को लगाई गई लेकिन उसमें ऑक्सीजन नहीं था और कोई दूसरा ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं रहने पर उसे बच्ची को ऑक्सीजन नहीं मिल सका ।

अस्पताल प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर विनेश कुमार ने लोगों से क्या कहा 

दूसरी ओर वर्तमान हुसैनाबाद अनुमंडलीय प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर विनेश कुमार ने कई समाजसेवियों को बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर 3 से 4 हैं ऑक्सीजन पर्याप्त रूप में है ।

अब इन विरोधाभास में जनता मरती हुई नजर आई जो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल दिख रहा है आने वाले दौर में इस व्यवस्था पर वर्तमान विधायक संजय कुमार यादव किस तरह की पहल करेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा दूसरी तरफ  जवाबदारी है कि पलामू CS डॉक्टर अनील कुमार का क्या होगा एक्शन वो भी समय ही बताएगा।

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