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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, ब्रेन स्ट्रोक के बाद दिल्ली ले जाते वक्त तोड़ा दम राज्यभर में शोक की लहरJharkhand Education Minister Ramdas Soren passed away, he died while being taken to Delhi after a brain stroke, wave of mourning across the state

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शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन नहीं रहे

झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का 15 अगस्त2025 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। शनिवार तड़के दो अगस्त को घर में के बाथरूम में गिर जाने के बाद ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल लेजाया गया था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई है। राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक हलकों में गहरा दुःख व्याप्त है।

कैसे हुआ हादसा?

शनिवार की सुबह लगभग 4 बजे रामदास सोरेन अपने सरकारी आवास के वॉशरूम में अचानक गिर पड़े। बताया जा रहा है कि उन्हें गंभीर ब्रेन स्ट्रोक आया था। तत्काल उन्हें जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया। एयर एंबुलेंस के ज़रिए उन्हें दिल्ली ले जाया गया था।

एक संघर्षशील नेता की कहानी

रामदास सोरेन का राजनीतिक जीवन हमेशा संघर्ष और जनसेवा से प्रेरित रहा। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के मजबूत स्तंभों में से एक थे। वे 2009 से 2014 तक घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे।


इसके बाद 2019 में दोबारा विधायक चुने गए, और वर्तमान में झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री और भूमि सुधार विभाग के मंत्री के तौर पर कार्यरत थे।


उनकी गिनती उन नेताओं में होती थी जो सीधे जनता से जुड़े रहते थे और हमेशा आदिवासी हितों, शिक्षा सुधार और भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।

जनता के प्रिय और ज़मीनी नेता

रामदास सोरेन न सिर्फ एक नेता थे, बल्कि एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।

उन्होंने घाटशिला क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में कई अहम कार्य किए।

वे आदिवासी समुदाय की आवाज बने और हाशिए पर खड़े लोगों के अधिकारों के लिए सदैव मुखर रहे।

राज्य में शोक की लहर, सरकार ने किया राजकीय शोक की घोषणा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा:

"रामदास सोरेन का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता, एक कुशल प्रशासक और जनता के सच्चे सेवक थे।" ट्वीट में लिखा कि ऐसे छोड़ कर नहीं जाना था रामदास दा...

अंतिम जोहार दादा...

राज्य सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और संस्थानों में झंडा आधा झुका रहेगा।

किसी भी प्रकार के आधिकारिक समारोह या उत्सव पर रोक रहेगी।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

उनका पार्थिव शरीर शनिवार 9 बजे तक सुबह बिरसा मुंडा एयर पोर्ट लाने की खबर है ।

सूत्रों के हवाले से रविवार को घाटशिला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अंतिम यात्रा में राज्य के प्रमुख नेता, मंत्री, विधायक, पार्टी कार्यकर्ता और हजारों की संख्या में आम नागरिक शामिल होंगे।

झारखंड ने खोया एक कर्मठ सिपाही

रामदास सोरेन का निधन न सिर्फ एक राजनीतिक क्षति नहीं है, बल्कि यह झारखंड के सामाजिक और शैक्षणिक विकास के लिए भी एक बड़ा झटका है।

उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प अब राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं को लेना होगा।

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