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पलामू: सबनवा गांव में पुलिस पर जबरन घर में घुसने, महिलाओं से बदसलूकी और दीवार तोड़ने का आरोपPalamu: Police in Sabanwa village accused of forcibly entering the house, misbehaving with women and breaking the wall

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पुलिस की कारवाई वीडियो में कैद


RBC CHANNEL | पलामू ब्यूरो | दिनांक: 09 सितम्बर 2025


पलामू जिला के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत सबनवा गांव से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गांव की रहने वाली नाजमा खातून ने पलामू क्षेत्र के उपमहानिरीक्षक (DIG), डालटनगंज को एक आवेदन देकर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

क्या है पूरा मामला?

नाजमा खातून के अनुसार, उनके पति अनीश खान और स्थानीय निवासी इसराफील पर पुलिस ने मोहम्मदगंज थाना कांड संख्या 83/2024 में गलत तरीके से नाम दर्ज किया है। इस कांड में एक सड़क दुर्घटना शामिल थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।


पीड़िता का कहना है कि दुर्घटना की सूचना मिलने पर अनीश और इसराफील घटनास्थल पर घायलों की मदद के लिए पहुंचे और उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने मददगारों को ही आरोपी बना दिया।

रविवार रात को हुआ कथित पुलिसिया तांडव

पीड़िता ने आरोप लगाया कि 7 सितंबर 2025 की रात, मोहम्मदगंज थाना की दो गाड़ियाँ उनके घर पर आईं। बिना कोई गिरफ्तारी वारंट दिखाए, पुलिस ने जबरन दरवाजा तोड़ा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया।

उनका आरोप है कि:

दल में महिला पुलिस नहीं थी।

घर की दीवार तोड़ी गई।

महिलाओं से मारपीट की गई।

बिना किसी लिखित कारण के, उन्हें थाने ले जाकर पूरी रात बैठाया गया।


पीड़िता ने कहा कि यह सब एक साजिश का हिस्सा है, जिसके जरिए निर्दोषों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है।


वायरल वीडियो से खुलती पोल?

इस पूरी घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पुलिस टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी, और लोगों को जोर-जबरदस्ती से ले जाया जा रहा था।

 क्या कहता है कानून?

CrPC की धारा 47 और 165 के तहत तलाशी के दौरान महिला पुलिस की उपस्थिति अनिवार्य होती है, खासकर जब घर में महिलाएं मौजूद हों।

बिना वारंट गिरफ्तारी, केवल विशेष मामलों में वैध होती है।

महिलाओं को सूर्यास्त के बाद गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता, जब तक कि मजिस्ट्रेट से विशेष अनुमति न हो।

विशेष सूत्र: DIG ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश

पलामू क्षेत्र के DIG नौशाद आलम ने इस मामले में पीड़िता से शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए हुसैनाबाद SDPO (IPS अधिकारी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


पीड़िता की मांग: दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो

नाजमा खातून ने DIG को दिए पत्र में मांग की है कि:


इस मामले की निष्पक्ष जांच हो।


दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।


उनके परिवार को झूठे मुकदमे से मुक्त किया जाए।


निष्कर्ष:

यह मामला न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कभी-कभी कानून के नाम पर आम नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।


RBC Channel इस पूरे मामले पर आगे भी नजर बनाए रखेगा और जांच की प्रगति से आपको अपडेट करता रहेगा।

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