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रोहतास में मामूली विवाद बना खूनी खेल: 17 वर्षीय गोल्डी की सरेआम गोली मारकर हत्या पुलिस मूकदर्शक बनी रहीA minor dispute escalates into a bloodbath in Rohtas: 17-year-old Goldie shot dead in public, police remain mute spectators.

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रोहतास एसपी 

डेस्क: बिहार | लोकेशन: रोहतास

 रिपोर्ट: संतोष दुबे

रोहतास जिले से इस वक़्त एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। शिवसागर थाना क्षेत्र के किरहिंडी गांव में मामूली विवाद ने देखते ही देखते खूनी रूप ले लिया, और 17 वर्षीय इंटरमीडिएट की छात्रा गोल्डी कुमारी उर्फ शिवानी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई।


पूरा मामला तब शुरू हुआ जब गोल्डी घर की छत पर कपड़े सुखा रही थी और उसी दौरान ऊपर से पानी टपकने को लेकर पड़ोसी गोतीया-पटिदार से विवाद हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मौके पर 112 नंबर की पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कराया, लेकिन जैसे ही पुलिस वहां से रवाना हुई, विवाद ने उग्र रूप ले लिया।

कुछ ही पलों में फायरिंग शुरू हो गई। गोली सीधे जाकर गोल्डी को लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, एक अन्य युवक छर्रे लगने से घायल हो गया है।

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परिवार का आरोप: पुलिस की लापरवाही से गई बेटी की जान

गोल्डी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उनके सामने ही झगड़ा बढ़ा और उन्होंने इसे हल्के में लिया। उनका कहना है कि अगर पुलिस सख्ती दिखाती, तो आज उनकी बेटी जिंदा होती।


वहीं, सदर अस्पताल सासाराम में गोल्डी का शव रखा गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे इलाके में तनाव का माहौल है और ग्रामीणों में आक्रोश है।

 बाइट: अमरजीत कुमार सिंह (परिजन)

हमारी बेटी की हत्या पुलिस की नाकामी से हुई है। वह समय रहते कार्रवाई करते तो आज गोल्डी जिंदा होती।

 बाइट: रोशन कुमार (एसपी, रोहतास)

"मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।

जांच के घेरे में पुलिस की भूमिका

इस वारदात ने एक बार फिर बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस की मौजूदगी में भी लोग अब सुरक्षित नहीं रहे? इस घटना ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है।

गोल्डी की हत्या ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आज के दौर में मामूली विवादों पर भी गोलियां चलना आम हो गया है?

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