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मानसिक तनाव ने ली एक और जान कुल्हाड़ी से दादा की हत्या करने वाला युवक गिरफ्तारMental stress claimed another life; youth arrested for killing grandfather with axe


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पलामू न्यूज

चैनपुर, पलामू (12 अक्टूबर 2025):

दिनांक 05.10.2025 को थाना चैनपुर अंतर्गत एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जिसमें 19 वर्षीय युवक शमशेर अंसारी ने अपने दादा नेजामुद्दीन अंसारी की हत्या कुल्हाड़ी से कर दी। यह वारदात जमीन एवं पीने के पानी को लेकर हुए विवाद और लंबे समय से चले आ रहे घरेलू अपमान के कारण उपजे गुस्से में अंजाम दी गई।

घटना के संबंध में चैनपुर थाना कांड संख्या-194/2025, धारा 103(1)/238/3(5) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया था। गुप्त सूचना और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर 12.10.2025 को दोपहर लगभग 1:50 बजे मुख्य आरोपी शमशेर अंसारी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त ने पुलिस के समक्ष अपराध स्वीकार करते हुए अपना अपराध स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कराया। उसने बताया कि विवाद और मानसिक आघात के चलते उसने कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर अपने दादा की हत्या की। आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त लोहे की कुल्हाड़ी, जो बांस की बेठ से जड़ी थी, उनके घर के अंदर कमरे से बरामद की गई है।

इससे पहले 08.10.2025 को आरोपी के पिता अनिस अंसारी, मां सीमा बीबी एवं बहन शबनम खातून को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।

छापेमारी में शामिल पुलिस अधिकारीगण:

श्रीराम शर्मा, थाना प्रभारी, चैनपुर

पु० अ० नि० क्षितीश कुमार सोनी, चैनपुर

सशस्त्र बल, चैनपुर थाना, पलामू

सामाजिक पहल की कमी और मानसिक आक्रोश का परिणाम:

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दुखद पहलू यह है कि यदि समाज में संवाद और समझदारी की संस्कृति मजबूत होती, तो शायद यह हत्या टाली जा सकती थी।

ऐसी घटनाएं बताती हैं कि जब आवेश, अपमान और मनोवैज्ञानिक तनाव को समय पर सुलझाया नहीं जाता, तो व्यक्ति अपने आपे से बाहर हो सकता है। यह केवल कानूनी मामला नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक चेतना का प्रश्न है।

मौलवियों एवं धार्मिक वक्ताओं से अपील:

इस घटना के परिप्रेक्ष्य में मुस्लिम समाज के मौलवियों, इमामों और धार्मिक वक्ताओं से आग्रह है कि वे अपने तकरीरों में समाजिक समरसता, मानसिक संतुलन और घरेलू विवादों को संवाद से हल करने की बात को प्रमुखता से रखें।

धार्मिक स्थलों को केवल इबादत का स्थान नहीं, बल्कि समाज सुधार का केंद्र भी बनाना होगा।

✍️ एक सामूहिक जागरूकता की आवश्यकता:

पारिवारिक कलह को नजरअंदाज न करें

समाज के बुद्धिजीवी निष्पक्ष हस्तक्षेप करें

धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं परामर्श केंद्रों की स्थापना करें

मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतनी ही गंभीरता से ध्यान दिया जाए

लेखक की टिप्पणी:

एक कुल्हाड़ी ने सिर्फ एक जीवन नहीं छीना, बल्कि एक पूरे परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा और मानसिक शांति को भी खत्म कर दिया। हमें अब भी जागना होगा, इससे पहले कि हमारे अपने समाज में और ऐसी घटनाएं घटें।


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