हुसैनाबाद में गांधी प्रतिमा को लेकर उबाल, कांग्रेस नेता हसनैन जैदी ने बताया राष्ट्रपिता का अपमान hussainabad news today
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| समाज सेवी वरिष्ट नेता एजाज हुसैन |
जेएमएम के वरिष्ठ नेता एजाज हुसैन सहित गुलाम मुहम्मद, आमीन अली खान व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
हुसैनाबाद (पलामू):
हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र के मुख्य बाजार स्थित गांधी चौक पर स्थापित महात्मा गांधी की नई प्रतिमा को लेकर नगर में जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि नई प्रतिमा महात्मा गांधी के वास्तविक चेहरे, व्यक्तित्व और गरिमा से मेल नहीं खाती, जिससे राष्ट्रपिता का अपमान हुआ है।
प्रतिमा के विरोध में जपला बाजार और आसपास के इलाकों में लोगों ने तीव्र विरोध दर्ज कराया। नागरिकों का कहना है कि पहले गांधी चौक पर स्थापित आदमकद प्रतिमा ही गांधीजी की सच्ची और सम्मानजनक पहचान थी, जिसे नगर पंचायत द्वारा सौंदर्यीकरण के नाम पर हटा दिया गया। इसके स्थान पर लगाई गई नई प्रतिमा न केवल विद्रूप है, बल्कि लोगों की भावनाओं को भी आहत कर रही है।
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| हसनैन जैदी कांग्रेस अल्पसंख्यक महासचिव झारखंड |
हसनैन जैदी का तीखा बयान
कांग्रेस झारखंड अल्पसंख्यक) महासचिव हसनैन जैदी ने इस पूरे मामले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि
जिस तरह केंद्र सरकार ने मनरेगा से महात्मा गांधी के नाम को हटाया, उसी मानसिकता से प्रेरित लोग आज गांधीजी की प्रतिमा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हुसैनाबाद के मुख्य बाजार में स्थापित प्रतिमा को बदलकर उसे उपहास का विषय बना दिया गया। नगर पंचायत के जेई और कार्यपालक पदाधिकारी ने खानापूर्ति के तहत यह कार्य किया है, जो निंदनीय है। इस प्रतिमा को तत्काल हटाया जाए ताकि महात्मा गांधी उपहास का पात्र न बनें।
जेएमएम नेता एजाज हुसैन सहित कई समाजसेवियों का विरोध
जेएमएम के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी एजाज हुसैन ने भी प्रतिमा को लेकर नाराजगी जताई। उनके साथ गुलाम मुहम्मद,अमीन अली खान,नेहाल असगर, रंजन कुमार, एमडी वकील, शेखर प्रसाद अग्रवाल, ध्रुप प्रसाद अग्रवाल, मखन कसेरा, प्रेमचंद चौधरी, बिक्कू कसेरा, नजीर अहमद, सैयद औसाफ हुसैन तथा जकी हुसैन उर्फ शम्मू ने एक स्वर में कहा कि प्रतिमा की मौलिकता को समाप्त करना बेहद दुखद है और इससे महात्मा गांधी के विचारों व सम्मान को ठेस पहुंची है।
सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप
स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि इस पूरे प्रकरण में सरकारी राशि की बंदरबांट हुई है। घटिया और अव्यवस्थित प्रतिमा लगाकर न केवल जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया है, बल्कि राष्ट्रपिता के सम्मान को भी ठेस पहुंचाई गई है।
आंदोलन की चेतावनी
नागरिकों ने नगर पंचायत के दोषी अधिकारियों और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही विद्रूप प्रतिमा हटाकर गांधीजी की गरिमामय और प्रमाणिक प्रतिमा पुनः स्थापित नहीं की गई, तो वे आंदोलन, धरना-प्रदर्शन और सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।


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