जननायक को अंतिम नमन: हुसैनाबाद में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि, हर दल ने झुकाया सिर Last salute to the leader of the people: Tribute to Dishom Guru Shibu Soren in Hussainabad, every party bowed their head
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| हुसैनाबाद न्यूज़ |
हुसैनाबाद, पलामू | 8 अगस्त 2025
झारखंड राज्य के निर्माता, आदिवासी चेतना के अग्रदूत और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन ने संपूर्ण प्रदेश को शोक-संतप्त कर दिया है।
4 अगस्त 2025 को उनके निधन की खबर जैसे ही फैली, झारखंड भर में शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम और हर दिल भावुक हो उठा।
इसी क्रम में, हुसैनाबाद के छतरपुर रोड स्थित झामुमो कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सह शोक सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन झारखंड मुक्ति मोर्चा, हुसैनाबाद विधानसभा इकाई द्वारा किया गया था, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम नागरिकों ने भारी संख्या में भाग लेकर जननायक को पुष्पांजलि अर्पित की।
सभा की अध्यक्षता झामुमो के वरिष्ठ नेता एजाज़ हुसैन उर्फ छेदी खां ने की। प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में डॉ. एजाज़ आलम, नेहाल असगर, मीना देवी (झामुमो), गयासुद्दीन सिद्दीकी, कामाख्या सिंह (राजद), मशरूर अहमद, रईस ख़ान, शाहनवाज़ हावारी, सद्दाम, आशिफ़, अश्गर (कांग्रेस) सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिक और कार्यकर्ता शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा शिबू सोरेन के चित्र पर माल्यार्पण और दो मिनट के मौन से हुई। वक्ताओं ने उनके संघर्षमय जीवन, आदिवासी और वंचित समुदायों के अधिकारों के लिए किए गए आंदोलनों को याद करते हुए उन्हें सच्चे अर्थों में 'झारखंड का जननायक' बताया।
झारखंड आंदोलन, पृथक राज्य की मांग, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान को 'स्वर्णाक्षरों में अंकित अध्याय' बताया गया। सभा में यह भी संकल्प लिया गया कि बाबा के दिखाए गए रास्तों पर चलकर झारखंड के हक, अधिकार और पहचान की लड़ाई जारी रखी जाएगी।
यह श्रद्धांजलि सभा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और वैचारिक एकता की मिसाल बनकर सामने आई, जिसमें राजनीति से ऊपर उठकर सभी ने दिशोम गुरु को नमन किया।

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