हुसैनाबाद में पहली बार ATS की बड़ी कार्रवाई, संदिग्ध युवक से पूछताछ के बाद रिहा – लोगों ने ली राहत की सांसATS took major action for the first time in Hussainabad, suspicious youth released after interrogation – people breathed a sigh of relief
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हुसैनाबाद न्यूज़ |
स्थान: हुसैनाबाद, पलामू (झारखंड)
तारीख: 10 सितंबर 2025
🖊 रिपोर्ट: मुजाहिद अहमद
देश की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता एक बार फिर सामने आई है। राजधानी दिल्ली में दर्ज आतंकी साजिश मामले की जांच का दायरा अब झारखंड तक पहुंच चुका है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, झारखंड ATS और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र में इतिहास की पहली बड़ी आतंक विरोधी छापेमारी की गई।
पृष्ठभूमि: देशविरोधी गतिविधियों की आशंका
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाना कांड संख्या 240/25, दिनांक 09.09.2025 के तहत दर्ज मामले में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने, समुदायों के बीच तनाव फैलाने, अवैध हथियार रखने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप शामिल हैं। इसी मामले के तहत राजधानी रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र से अशरफ दानिश नामक युवक की गिरफ्तारी की गई।
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छापे जिस घर में हुई |
दानिश के पास से देशी कट्टा, कारतूस, बम निर्माण में प्रयुक्त रसायन (हाइड्रोक्लोरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सल्फर आदि), इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, वायरिंग, नकद राशि, लैपटॉप, मोबाइल फोन, सेफ्टी गियर और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई। ये सब देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाली गतिविधियों की ओर संकेत कर रहे हैं।
हुसैनाबाद में ATS का छापा: गहन और संयमित कार्रवाई
इसी केस की कड़ी में दानिश के फोन रिकॉर्ड्स और संपर्कों की निगरानी के आधार पर हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र के इस्लामगंज मोहल्ला में 10 सितंबर की रात करीब 3 बजे ATS, दिल्ली पुलिस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार, एक स्थानीय युवक गुलशेर उर्फ़ मुन्ना को हिरासत में लेकर थाना हुसैनाबाद लाया गया, जहां उससे घंटों गहन पूछताछ की गई। उसके मोबाइल फोन और घर की गहन तलाशी भी ली गई।
पूछताछ में नहीं मिला कोई आपत्तिजनक साक्ष्य
पूछताछ के बाद जब युवक की किसी प्रकार की प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं पाई गई, तो उसे रिहा कर दिया गया। ATS अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि युवक से केवल दानिश के संपर्क में आने की आशंका के आधार पर पूछताछ की गई थी।
स्थानीय लोगों में फैली थी चिंता, अब लौटी शांति
इस तरह की पहली कार्रवाई होने के कारण इस्लामगंज इलाके में तनाव और भय का वातावरण बन गया था। लेकिन युवक के रिहा होने के बाद स्थिति सामान्य हुई।
स्थानीय निवासी बोले:
जब पहली बार इतनी बड़ी पुलिस फोर्स और ATS की गाड़ियाँ आईं तो हम सब डर गए थे। लगा कुछ बड़ा हो गया है। लेकिन जब सब साफ निकला, तब राहत मिली।
निष्कर्ष: सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी और नागरिक सहयोग जरूरी
इस संयुक्त कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हैं और देशविरोधी गतिविधियों को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हालांकि, बिना किसी प्रत्यक्ष प्रमाण के निर्दोष नागरिकों को भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है, इसलिए जाँच प्रक्रिया में पारदर्शिता और मानवीयता दोनों आवश्यक हैं।
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