आरपीएस स्कूल, जपला में हुआ दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन: नवदुर्गा रूपों की झांकी और सांस्कृतिक उत्सव ने मोहा मन husainabad news rbc today
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हुसैनाबाद न्यूज़ |
हुसैनाबाद/झारखंड: आरपीएस विद्यालय, जपला ने इस वर्ष नवरात्रि के पावन अवसर पर "श्री शक्तिआवाहनम् कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया। स्कूल प्रांगण में धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक रंग और विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत: दीप प्रज्वलन व शक्ति आराधना
कार्यक्रम का शुभारंभ एसडीपीओ एस. मोहम्मद याकूब और पूर्व जिप उपाध्यक्ष श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिसर माता रानी की भक्ति से सराबोर हो गया।
नवदुर्गा रूपों की मनोहारी प्रस्तुति
विद्यालय की छात्राओं ने माता दुर्गा के नौ स्वरूपों को सजीव मंच पर प्रस्तुत किया:
आराध्या द्विवेदी – माता दुर्गा
कृतिका शर्मा – माँ काली
आकृति शर्मा – माता ललिता
गरिमा – माता भैरवी
प्रार्थना पाठक – ब्रह्मचारिणी
एरम – माता चंद्रघंटा
मिताक्षरा – माता कुशमांडा
साक्षी पांडे – माता कात्यायनी
आशिका – स्कंदमाता
इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया। प्रत्येक बच्ची ने अपने अभिनय, पोशाक और भाव-भंगिमा से मंच को जीवंत कर दिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: भारत की विविधता में एकता
बच्चों ने विविध पारंपरिक नृत्यों – मंगली नृत्य, पंखिड़ा, गरबा, धुनुचि नृत्य आदि के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को मंच पर उकेरा। माता के जयकारों और तालियों की गूंज से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
रावण दहन: असत्य पर सत्य की विजय
पूर्व जिप उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह द्वारा रावण दहन कर सत्य की विजय का संदेश दिया गया। यह क्षण सभी उपस्थित जनों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
अभिभावकों की सहभागिता: डांडिया और भोग
कार्यक्रम को विशेष बना दिया अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी ने। उन्होंने डांडिया नृत्य में भाग लिया और कार्यक्रम को और भव्यता प्रदान की। अंत में माता के भोग स्वरूप खिचड़ी का वितरण किया गया।
विद्यालय प्रशासन की सराहनीय पहल
विद्यालय के निदेशक श्री संजय कुमार सिंह उर्फ लड्र् सिंह ने कहा:
नवरात्रि केवल पूजन का समय नहीं, यह आत्मशक्ति और नारीशक्ति की आराधना का पर्व है। माँ दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप से हमें जीवन के लिए प्रेरणा मिलती है।
इस संपूर्ण आयोजन का नेतृत्व विद्यालय की प्रधानाचार्या और शिक्षकगण – सूरज त्रिपाठी, रंजना पाठक, अनुप्रिया सिंह, सौम्यदीप, रूपेश, रबिंदर, सलोनी, अभय, श्रेया, प्रिया, विकास, सुधीर, बिंदु, कृतांजलि, रेशम आदि ने मिलकर किया।
निष्कर्ष:
आरपीएस स्कूल, जपला का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच सांस्कृतिक जागरूकता और एकता का संदेश भी छोड़ गया। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन मूल्यों और परंपराओं से भी गहराई से जुड़ी होती है।
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