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केंद्रीय सड़क निधि की 92 करोड़ की योजना सवालों के घेरे में भजनिया–हैदरनगर मार्ग पर घटिया निर्माण, तकनीकी मानकों कीअनदेखी का आरोपThe ₹92 crore Central Road Fund project is under scrutiny, with allegations of shoddy construction and disregard for technical standards on the Bhajania-Haidernagar road.

  

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उदय प्रकाश ओझा
हुसैनाबाद (पलामू): जिले में केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के तहत स्वीकृत भजनिया से हैदरनगर तक सड़क पुनर्निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल डालटनगंज द्वारा क्रियान्वित इस परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति राशि लगभग 9203.09 लाख रुपये (करीब 92.03 करोड़) है, जबकि एकरारनामा राशि 6443.54 लाख रुपये (करीब 64.43 करोड़) निर्धारित की गई है। करोड़ों की इस योजना में गुणवत्ता और प्रगति को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

स्थानीय स्तर पर प्राप्त जानकारी और स्थल निरीक्षण के अनुसार, कार्यदायी संस्था डुआर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी, अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) द्वारा प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा है। आरोप है कि सड़क निर्माण में आवश्यक मात्रा में बालू और गिट्टी का उपयोग नहीं हो रहा। सबसे गंभीर आरोप यह है कि मिक्सचर मशीन में मानक अनुसार पानी मिलाकर मिश्रण तैयार करने के बजाय सूखा मिश्रण सीधे सड़क पर बिछाया जा रहा है, जो तकनीकी मानकों का खुला उल्लंघन है।

इसके अलावा सड़क की निचली परत में बिछाई जा रही जीएसबी (ग्रैन्युलर सब-बेस) की गुणवत्ता भी घटिया बताई जा रही है। कई स्थानों पर डब्ल्यूएमएम (वेट मिक्स मैकाडम) का प्रयोग नहीं किए जाने का आरोप है, जिससे भविष्य में सड़क के शीघ्र क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का निर्माण भारी वाहनों के दबाव में सड़क की उम्र को काफी कम कर देता है।

परियोजना पर अब तक करीब 24 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन भौतिक प्रगति अत्यंत कम बताई जा रही है। कार्य पूर्ण करने की तिथि जनवरी 2026 निर्धारित है, पर वर्तमान गति और गुणवत्ता को देखते हुए समय पर कार्य पूरा होने पर भी संदेह जताया जा रहा है।

जल निकासी की अनदेखी, ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
झामुमो के वरीय नेता राम प्रवेश सिंह ने आरोप लगाया कि पथ निर्माण के दौरान अधोरा माइनर को मिट्टी भरकर समतल कर दिया गया है। नवत्लेया आहर और लगड़ी आहर के बीच सड़क को क्रॉस कराते समय पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे कई स्थानों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। समाधान की मांग करने पर संवेदक के साइड इंचार्ज द्वारा यह कहे जाने का आरोप है कि प्राक्कलन में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है

राम प्रवेश सिंह ने यह भी बताया कि इस तकनीकी गड़बड़ी की सूचना कार्यपालक अभियंता (आरसीडी), पलामू अनिल कुमार को दी गई, जिन्होंने आने की बात कही, लेकिन बाद में न तो स्थल पर पहुंचे और न ही फोन उठाया। इससे विभागीय उदासीनता के आरोप और गहरे हो गए हैं।

जांच और कार्रवाई की मांग तेज
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि सड़क निर्माण कार्य की तकनीकी और वित्तीय जांच कराई जाए, प्राक्कलन और एकरारनामा के अनुसार कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा दोषी संवेदक और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो। चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो यह योजना जनता के लिए लाभकारी होने के बजाय बोझ बन जाएगी।

जनप्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी, ताकि सड़क की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके और सार्वजनिक धन की बर्बादी रोकी जा सके।

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