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धान खरीद में देरी से किसान परेशान, बिचौलियों को मिल रहा लाभ किसान ब्रिगेड ने उठाई सरकार की नीतियों पर सवालFarmers are upset due to delay in paddy procurement, middlemen are getting benefits, Kisan Brigade raised questions on government policies.

 

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कर्नल संजय सिंह 


प्रतिनिधि  हुसैनाबाद / पलामू

पलामू जिले में पैक्स (PACS) के माध्यम से हो रही धान खरीद की प्रक्रिया को लेकर किसानों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। किसान संगठन किसान ब्रिगेड ने इस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और इसे किसानों के साथ अन्याय बताया है।

किसान ब्रिगेड के संरक्षक कर्नल संजय कुमार सिंह ने कहा कि इस वर्ष जिले में धान की पैदावार अच्छी होने के बावजूद सरकार ने खरीद लक्ष्य को घटाकर मात्र दो लाख क्विंटल कर दिया है, जबकि पिछले वर्ष यह लक्ष्य तीन लाख क्विंटल था। यह फैसला सीधे तौर पर किसानों के हितों के खिलाफ है।

खरीद में देरी से बढ़ी मुश्किलें

कर्नल सिंह ने बताया कि पैक्स में धान खरीद की शुरुआत में हुई देरी के कारण किसान बेहद परेशान हैं। कई किसान फसल उत्पादन के लिए लिए गए कर्ज को चुकाने के दबाव में हैं और मजबूरी में उन्हें अपना धान स्थानीय व्यापारियों को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

इस स्थिति का सीधा फायदा बिचौलियों को मिल रहा है, जबकि किसान आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। कुछ इलाकों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान में अनियमितताओं की शिकायतें भी सामने आई हैं, जिन पर प्रशासन को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

पैक्स व्यवस्था से उठता भरोसा

किसान ब्रिगेड का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित एमएसपी और जमीनी हकीकत के बीच बढ़ता अंतर किसानों के भरोसे को कमजोर कर रहा है। इसके चलते किसान खेती छोड़कर मजदूरी या दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।

किसान ब्रिगेड की मांगें

किसान ब्रिगेड ने सरकार से मांग की है कि:

* धान खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जाए

* खरीद लक्ष्य की पुनः समीक्षा की जाए

* पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए

* किसानों को समय पर एमएसपी भुगतान किया जाए


यदि सरकार जल्द ठोस कदम नहीं उठाती है, तो इसका गंभीर सामाजिक और आर्थिक प्रभाव किसानों पर पड़ सकता है।

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